खास कर यह मैंने श्री गौतम राजरिशी जी के लिए डाली है... हम बीते साल को अलविदा कह रहे हैं. लेकिन इस बीते साल को हमारे लिए खुशनुमा बनाने वाले बहुत सारे ऐसे शहीद हैं जो अपने घर लौट के नहीं आये... और बहुत से अभी भी सरहद पर तैनात हैं केवल और केवल हमारी रक्षा के लिए... उन सभी को मेरी तरफ से ढेर सारी दुआएं...
साथी घर जाकर मत कहना...
साथी घर जाकर मत कहना...
साथी घर जाकर मत कहना...
साथी घर जाकर मत कहना...
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