तोड़ के सूरज का टुकड़ा, ओप में ले आऊं मैं! हो जलन हांथों में, तो क्या! कुछ अँधेरा कम तो हो. -मीत

झीनी-झीनी बारिश...

वो हर सुबह आते जाते लोगो को बारिश के लिए दुआ करते देख और सुन रहा था... हर तरफ लगभग एक ही जुमला सुनने को मिलता...हे भगवान तू कितना निर्दयी है?? क्या इस साल गर्मी से ही मार देगा... बात सही भी थी कितने ही दिन हुए थे, बारिश थी की आने का नाम ही नहीं ले रही थी. सावन निकलने को था लेकिन गर्मी से सुलग रही धरती पर बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी थी... उसे ख़ुशी थी की बारिश नहीं हो रही है... अच्छा है होनी भी नहीं चाहिए... उसे बहुत डर था की अगर कहीं ये बारिश हो गई तो उसके लिए बहुत मुश्किल हो जायेगी...इसलिए खुदा से हरदम बारिश ना होने की दुआ मांग रहा  था...
      और फिर एक रोज उसने खबर सुनी की फसल मर जाने की वजह से एक किसान ने आत्म-हत्या कर ली... वो डर गया... हर तरफ से उसके कानों में केवल एक ही आवाज़ पढ़ रही थी... सूखा... सूखा... सूखा... आखिर वो लोगो के दुःख के आगे हार गया और उसने भी अपने हाथ दुआ में उठाये और दुआ मांग ही डाली... दुआ में उसने वही माँगा जो उसे ना पसंद था... पानी...
      कहते हैं खुदा देर से सुनता है पर ये क्या उसकी आवाज़ पल भर में खुदा तक जा पहुंची... और सारी फिजा पानी से नहा गयी... तीन दिन से पानी लगातार बरस रहा था... उसका डर बढ़ गया था, दिल की धड़कने किसी सुपरफास्ट ट्रेन की तरह भाग रही थी... वो जल्दी से अपने घर पहुंचना चाहता था... तीन दिन से वोअपने घर से दूर था...
आखिर वो वो घर पहुंचा... देखते ही माँ उस से बोली देख बेटा भगवान् ने हमारी नहीं सुनी ना.. आखिर बारिश कर ही दी...  एक तो ये एक टूटा फूटा कमरा उस पर से लगातार होती ये झीनी-झीनी बारिश, सुना है यह बारिश बहुत खतरनाक होती है... इस बारिश की वजह से बड़े-बड़े मकान ढह जाते हैं... बेटा तीन दिन से घर की छत से पानी टपक रहा है... मैं ही जानती हूँ की तीन दिन से सारे बच्चों को किस तरह संभाले हूँ... कहीं हमारी छत भी गिर गई तो... तू ही बता ने ये बारिश बंद क्यों नहीं होती... अगर इस साल ना बरसता तो क्या हो जाता...??
     माँ के इतने सारे सवालों के आगे वो खामोश था... उसने आपने परिवार को बाहों में भरा और एक कोने में सिमट गया...पर उसकी बाहें छोटी थी...उसने आसमान की तरफ देखा... और मुस्कुरा दिया...आखिर उसी ने तो दुआ में मांगी थी यह बारिश...
खुदा तो हर किसी की सुनता है, यह तो और बात है की,
कहीं ऑंखें बरसती हैं, तो कहीं,
घर टपकता है...

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21 Responses
  1. Alpana Verma Says:

    मर्मस्पर्शी कहानी.
    हर चीज़ को देखने के दो पहलू होते हैं.
    एक के लिए बारिश जीवनदान लाती है और वही बारिश किसी दूसरे के लिए कहर बन जाती है.
    ब्लॉग का नया स्वरूप बहुत अच्छा है.


  2. सही कहा है अल्पना जी ने !
    एक के लिए बारिश जीवनदान लाती है और वही बारिश किसी दूसरे के लिए कहर बन जाती है.

    खैर आपकी परिकल्पना सही है


  3. वाह बहुत खुब, हिला के रखा दिया आपने इस मार्मिक रचना से।


  4. vo kahवते हैं ना कि किसी को मांह सवादी तो किसी को वादी। वैसे भी इन्सान को किसी ततह भी संतुश्टी नहीं बहुत सुन्दर रचना है
    खुदा तो हर किसी की सुनता है, यह तो और बात है की,
    कहीं ऑंखें बरसती हैं, तो कहीं,
    घर टपकता है...


  5. bahut maarmik rachna hai...har cheez ke do pahlu hote hain...ab dekho na is baarish ko hi le lo


  6. सुंदर भावनाओं की सुंदर प्रस्तुतिकरण ..
    बधाई...


  7. mehek Says:

    baarish mein bhigte marmik ehsaas,kahi kushi ke kahi gum ke,waah sunder post.


  8. बहुत सही लिखा आपने, हमारे यहां म.प्र. मे परसों तक सूखाराहत के कार्यक्रम चल रहे थे, ती दिन मे इतना पानी बरसा है कि नर्मदा किनारे रहने वाले सब गांव कस्बे शहर बाढ मे घिर गये हैं. अब बाढ राहत चल रही है.

    रामराम.


  9. सबसे पहले मीत भाई यह लड़का कौन है? जिस पर इतनी मार्मिक कहानी लिख दी आपने। जी करता है एक बार जाकर उससे मिल लूँ। जीवन की सच्चाई को कह दिया इस कहानी के जरिए आपने। मुझे बहुत पसंद आई।


  10. अल्पना जी से सहमत हू


  11. Dipti Says:

    यही तो इंसान की फ़ितरत है। जो उसके पास है वो उसे नहीं चाहिए और जो उसके पास नहीं है वो उसे चाहिए...


  12. बहुत सुंदर कहानी कही, सच्चा इंसान वो ही है जो दुसरो की खुशी के लिये, खुद दुख भी हंस कर सह ले.यही है सच्ची कुर्बानी
    धन्यवाद


  13. भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी कहानी.


  14. DIL MKO CHOONE WAALI KAHAANI ...... SACH KAHA KHUDA SAB KI SUNTA HAI ... DER SAVER SE ..... BAS VAQT VAQT KI BAAT HAI ....


  15. sandhyagupta Says:

    Hridaysparshi rachna hai.Yun hi likhte rahiye.


  16. बहुत खूब.. हैपी ब्लॉगिंग


  17. मार्मिक रचना...आपने विरोधाभास को बडी़ ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया है.....बहुत बहुत बधाई....


  18. बस इक आह निकल कर रह गयी।


  19. bhagwaan ki maya kahi dhoop kahi chhaya...behad psand aayee apki post....


  20. मीत Says:

    मेल द्वारा प्राप्त टिपण्णी..
    सच है कहीं धूप तो कहीं छाया
    प्रीती बर्थवाल


  21. sach me bahut hi achhi kahani hai...barish se paresan hote hue bhi usne barish karvane ke liye dua maagi..ati sundar.


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