दिल तो खिलौना है,
आँखों को रोना है,
इस जहाँ में ना था कोई, अपना,
ना हम किसी के हैं,
ना किसी का होना है...
एक दोस्त बनाया था,
हँसना उसने सिखाया था,
भूल गए थे वो तो है इंसान,
हमने तो उसे,
भगवान के साथ बैठाया था...
रोंद के भावों को चल दिया वो,
बात आज ऐसी कह गया वो,
जिस्म की खराश तो मिटा लेते,
पर अफ़सोस तो यही है,
रूह को चाक-चाक कर गया वो...
---Evergreen Tumhara Uska Or Sabka मीत
(यह शब्द भी उसी ने कहे)
आज एक दोस्त ने कुछ ऐसी बाते कह दी की मन से ये शब्द निकल आये...
पर इश्वर से प्रार्थना करता हूँ वो हमेशा खुश रहे, उसके दुःख मुझे दे दे भगवान...
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
आँखों को रोना है,
इस जहाँ में ना था कोई, अपना,
ना हम किसी के हैं,
ना किसी का होना है...
एक दोस्त बनाया था,
हँसना उसने सिखाया था,
भूल गए थे वो तो है इंसान,
हमने तो उसे,
भगवान के साथ बैठाया था...
रोंद के भावों को चल दिया वो,
बात आज ऐसी कह गया वो,
जिस्म की खराश तो मिटा लेते,
पर अफ़सोस तो यही है,
रूह को चाक-चाक कर गया वो...
---Evergreen Tumhara Uska Or Sabka मीत
(यह शब्द भी उसी ने कहे)
आज एक दोस्त ने कुछ ऐसी बाते कह दी की मन से ये शब्द निकल आये...
पर इश्वर से प्रार्थना करता हूँ वो हमेशा खुश रहे, उसके दुःख मुझे दे दे भगवान...
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
बात आज ऐसी कह गया वो,
जिस्म की खराश तो मिटा लेते,
पर अफ़सोस तो यही है,
रूह को चाक-चाक कर गया वो...
" बडा दुःख हुआ ये पंक्तियाँ पढ़ कर , मगर दोस्ती की खातिर दोस्त को माफ़ भी किया जा सकता है ना...."
regards
बेहद दुखनीय.........ऐसा दोस्त होता है क्या?
बेहद दुखनीय.........ऐसा दोस्त होता है क्या?
सुन्दर भाव सृजन।
देख के नये खिलौने खुश हो जाता था बचपन में।
बना खिलौना आज देखिये अपने ही जीवन में।।
वो दोस्त ही क्या जो दिल दुखाये ?
कभी कभी इंसान अपनी बातों से दूसरे का दिल किस हद तक दुख देता है इसका उसे एहसास भी नहीं होता
शब्दों में आंसू हैं या आंसू के हैं शब्द।
बहुत सुन्दर।
सुन्दर रचना...dukh se bhari
मीत भाई "मैं हूँ ना।" वैसे दोस्त हम भी जख्म खाए बैठे है। जिदंग़ी में ऐसा अक्सर होता है। पर आपने दर्द को बखूबी बयान कर दिया। अपना सारा दर्द उडेल कर रख दिया। और अच्छा किया जो अपना दर्द लिख दिया। नही तो जिस्म को नुकसान देता। वैसे टेम्पल बहुत ही सुन्दर लग रहा है।
शानदार
तेज धूप का सफ़र
बहुत सुंदर रचना. शुभकामनाएं.
रामराम.
नया टेम्प्लेट अच्छा है.
दिल पर जब चोट लगती है तो ऐसे ही कवितायेँ बन जाती हैं..
कवितामें आप का दर्द दिख रहा है..ईश्वर आप को इस सह दुःखने की शक्ति दे.और आप के दोस्त को आप की बात समझने की.
बात आज ऐसी कह गया वो,
जिस्म की खराश तो मिटा लेते,
पर अफ़सोस तो यही है,
रूह को चाक-चाक कर गया वो...
कई बार ऐसा हॉट है जीवन में ........... SHAYED इसी को तो जीवन कहते हैं .......... LAJAWAAB लिखा है MEET जी ......
दिल तो खिलौना है,
आँखों को रोना है,
इस जहाँ में ना था कोई, अपना,
ना हम किसी के हैं,
ना किसी का होना है...
dil ko chchoo gayi.........
nice
koi nayi post nahin??
बहुत सुंदर रचना
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maun hun.....
सहज और सुन्दर अभिव्यक्ति
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तकनीक दृष्टा
vah kya baat hai..bahut achhe.