तोड़ के सूरज का टुकड़ा, ओप में ले आऊं मैं! हो जलन हांथों में, तो क्या! कुछ अँधेरा कम तो हो. -मीत

वक्त के सलीब पर टंगी है मसीहा सी ज़िन्दगी...

काश मैं एक दीपक होता...
जल जाता अपनी ही आग में
पर अँधेरा तो ना होता...
काश मैं एक कम्बल होता...
ओढ़कर सो लेता मुझे,
कोई न कोई फुटपाथ पे
सर्दी की रात में कोई ठिठुरता ना सोता...
सोचता हूँ...
बन जाऊँ एक जोकर...
दुखता है ये दिल,
जब कोई बच्चा है रोता...
वक्त के सलीब पर टंगी है मसीहा सी ज़िन्दगी...
क्यों नहीं किसी के काम ये आ जाती,
क्यों मेरी जान कोई नहीं लेता...?
ऐ काश के बन जाता
मैं आंसूं ही नयनों का
रिस-रिस के प्राण खोता...
और फ़िर से पैदा होता...
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
14 Responses
  1. seema gupta Says:

    ऐ काश के बन जाता
    मैं आंसूं ही नयनों का
    रिस-रिस के प्राण खोता...
    और फ़िर से पैदा होता...
    " uf! kita dard hai, bhut bechanee se bhree....."

    Regard


  2. bahot hi practial bat likhi hai aaapne sundar rachana ke liye badhai....


    regards
    Arsh


  3. मीत भाई बहुत दर्द हे आप की इस कविता मे आप ने अपने दिल की बात लिख दी हे.
    धन्यवाद


  4. admin Says:

    आपकी कविता पढ कर मन में एक ही विचार आता है कि काश आप जैसा दिल सबके पास होता, तो अपना यह देख वाकई में स्वर्ग बन जाता।


  5. ham sab sirf ek achche insaan ban jaye to vo sab ho sakta hai jiski aapne kalpna ki hai.mai to itna hi chahti hoon ki kash mai apne manavta dharm ko hi nibha pati....kyonki mooh pher kar chal dene ki hi aadat ban chuki hai hamari


  6. Reet Says:

    har shabd kaabil-e-taariif hai


  7. art Says:

    वक्त के सलीब पर टंगी है मसीहा सी ज़िन्दगी...bahut hi sundar aur satik lagi aapki yeh pankti


  8. मीत क्या बात है बहुत ही उम्दा लिखा हैं।

    काश मैं एक कम्बल होता...ओढ़कर सो लेता मुझे,कोई न कोई फुटपाथ पेसर्दी की रात में कोई ठिठुरता ना सोता...सोचता हूँ...बन जाऊँ एक जोकर...दुखता है ये दिल,जब कोई बच्चा है रोता


  9. बन जाऊँ एक जोकर...
    दुखता है ये दिल,
    जब कोई बच्चा है रोता...

    waah meet ji...lajawaab kavita hai. seedhe dil ko lagi .


  10. anilpandey Says:

    kash main bhi is dard ka koi ek tukda hota . subak subak kr sath sath thoda thoda rota.
    bahut hi achchhi rachana sahab . wakaee aanand aa gya .


  11. बहुत अच्छी नज़्म है...बहुत ही कम लोग होंगे जो आपकी तरह दूसरों के बारे में सोचते होंगे...

    बन जाऊँ एक जोकर...
    दुखता है ये दिल,
    जब कोई बच्चा है रोता...
    ये पंक्तियाँ बहुत ही अच्छी लगी !!!!!!!


  12. mitji... koi labz nahi hamre pass
    sirf itnak ahenge..

    kaash mai do boond aansoo hoti
    kisika gam halka kar sakti..



  13. bhut hi badhiya. kya baat hai aaj kal bhut hi gahari rachanaye ki ja rhi hai. jari rhe.


Related Posts with Thumbnails