तोड़ के सूरज का टुकड़ा, ओप में ले आऊं मैं! हो जलन हांथों में, तो क्या! कुछ अँधेरा कम तो हो. -मीत

सवाल

अपने देश पर अपनी आन, बान और जान न्योछावर करने वाली वीरंगनाओ से भारत का पुराना नाता रहा है!
रानी लक्ष्मी बाई, पुतली बाई, अजीजन बाई !
भारत के इतिहास में इन वीरंगनाओ के नाम स्वर्ण अक्षरों में हमेशा अमिट रहेंगे! देश के लिए आज़ादी की लड़ाई में इन वीरंगनाओ ने अहम् भूमिका निभाई थी, जिनसे आज भी प्रेरणा लेकर भारत की बेटियाँ किरण बेदी और सनिता बन कर अपने देश का नाम रौशन कर रही हैं!
आज महिलाएं हर दिशा में पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिल कर चल रही हैं, हर तबके में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के साथ बराबर की रही है! देश के बच्चे-बच्चे पर महिलाएं अपनी छाप छोड़ रहीं हैं!
कहीं वो मा है, कहीं बेटी है, कहीं बहू है, तो कहीं बहन है.... उसके कई किरदार हैं जिन्हें वो बखूबी निभाती हैं! महिलाओं ने इस पुरुष प्रधान समाज में अपनी म्हणत, लगन और काबिलियत के दम पर एक अलग पहचान बनाईं है
इतना सब होने के बाद भी, सवाल यह खडा होता है की क्या आज महिलाओं के साथ पूरी तरह से न्याय हो रहा है?
क्या देश में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं?
टीवी का कोई चैनल लगा कर देखो , अखबार या किसी पत्रिका का कोई पृष्ठ, आये दिन उसमें महिलाओं पर होने वाले अन्याय की खबरें चपटी रहती हैं!
देश के हर कोने में लगभग ७० फीसदी महिलाएं अपने पति, ससुराल वालो या अन्य किसी भी तरह से अत्याचार का शिकार हो रही हैं! कुछ महिलाएं अपने साथ हो रहे अत्याचारों को लोगो के सामने लेन में या किसी को बताने की बजायउसे छिपाना बेहतर समझती हैं, तो कुछ इन अत्याचारियोंके खिलाफ लड़तीहैं!
जो महिलाएं अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठती हैं, क्या उन्हें पूरी तरह से इन्साफ मिल पता है?
देखा जाये तोकहीं कहीं महिलाओं की एक बड़ी संख्या अन्यायियों से जूझ रही है!
देश में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए तमाम योजनायें चलाई जाती हैं, जिसके तहत भ्रूण-हत्या, दहेज, आदि के मामले में दोषी लोगो के खिलाफ सख्त कानून होते हैं, पर क्या इन मामलों में लिप्त लोगो को कानून सजा देता है...? शायद नहीं.....
भ्रूण-हत्या और दहेज और कन्या पैदा होने पर उसकी हत्या के कितने ही दोषी खुलेआम बेफिक्री से घूम रहे हैं...कितनी ऐसी कन्या जो आज किरण बेदी, मदर टेरेसा या सुनीता विलियम्स हो सकतीं थी, पैदा होते ही मार दी गयीं, क्या उनके साथ हमारा कानून इन्साफ कर पाया है?
सबसे ज्यादा आश्चर्य तब होता है, जब पता चलता है की एक माँ ने अपने पति के साथ मिलकर पुत्र की चाह में अपने गर्भ में ही अपनी बेटी को मरवा दिया! क्यों कुछ महिलाएं यह भूल जाती हैं की वो भी एक औरत हैं.....
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