कल एक माँ को जीने के लिए खून की जरुरत थी... मैंने अपना थोड़ा सा खून उसे दिया भी लेकिन मेरा खून उसकी रगों में जाने से पहले ही भगवान् ने उसे अपने पास बुला लिया... जिस समय डॉक्टरों ने कहा था की अब हम कुछ नहीं कर सकते... तब उसके पति ने बडे उदास चेहरे और आशाविहीन आँखों से मुझे ब्लड देने के लिए शुक्रिया किया था... और कहा था की प्लीज यार मेरी वाइफ के लिए दुआ करना की वो ठीक हो जाये क्योंकि डॉक्टर ने कहा है की इसे चमत्कार ही बचा सकता है...
तब मेने उसे कहा था की ऊपर वाले पर भरोसा रखो चमत्कार जरुर होगा और मेरी बात सुनकर उसके रूखे लबों पर हलकी सी मुस्कान भी आई थी...
जातेजाते मेने उसे कहा था की मैं तुम्हारी पत्नी के लिए दुआ करूँगा वो ठीक हो जाएँगी...
और कल शाम से सोने तक में उसके जीने के लिए प्रार्थना करता रहा, लेकिन मेरी प्रार्थना व्यर्थ ही गयी... कोई चमत्कार नहीं हुआ..
आज सुबह मुझे फोन आया की कल शाम ही वो माँ अपने तीन महीने के बच्चे और पति को छोड़कर चली गयी...
तब से यही सोच रहा हूँ की..
"मेरी रगों में खून नहीं, पानी है!
मेरी प्रार्थना सच्ची नहीं, बेमानी है!
क्यों बह रहा है, ये मुझमें जब किसी के काम नहीं आ सकता,
नफरत है मुझे ख़ुद से, जो मैं किसी की जिंदगी नहीं बचा सकता!"
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
तब मेने उसे कहा था की ऊपर वाले पर भरोसा रखो चमत्कार जरुर होगा और मेरी बात सुनकर उसके रूखे लबों पर हलकी सी मुस्कान भी आई थी...
जातेजाते मेने उसे कहा था की मैं तुम्हारी पत्नी के लिए दुआ करूँगा वो ठीक हो जाएँगी...
और कल शाम से सोने तक में उसके जीने के लिए प्रार्थना करता रहा, लेकिन मेरी प्रार्थना व्यर्थ ही गयी... कोई चमत्कार नहीं हुआ..
आज सुबह मुझे फोन आया की कल शाम ही वो माँ अपने तीन महीने के बच्चे और पति को छोड़कर चली गयी...
तब से यही सोच रहा हूँ की..
"मेरी रगों में खून नहीं, पानी है!
मेरी प्रार्थना सच्ची नहीं, बेमानी है!
क्यों बह रहा है, ये मुझमें जब किसी के काम नहीं आ सकता,
नफरत है मुझे ख़ुद से, जो मैं किसी की जिंदगी नहीं बचा सकता!"
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मीत ज्यादा दुखी होने की जरुरत नहीं, क्योंकि ऐसे चमत्कार हिन्दी फिल्मों में ही हुआ करते है. वैसे आपकी भावनायों की मै क़द्र करता हूँ .
मीत जी,दुखी ना हो।जो होना होता है हो कर रहता है।हमारा कर्तव्य तो कर्म करना मात्र ही है।बाकि प्रभू मर्जी।
Meet ji aapne apna kartavy nibhaya hai. aap dukhi na ho. ye sab bhagvan ki marji hai. aapne unhe khoon diya isse aapki achhi bhavnao ka pata chalata hai. aap sirf achha kare or sab kuch bhagvan par chod de kyoki vo jo hota hai achha hi hota hai. yakin maniye jo achha hota hai uske sath kabhi bura nahi hota. aapki achhe hona aapke lekho se hi pata chalata hai. aapka lekh bhut achha hai. jari rhe.
meri kavita par tipani karne ke liye aabhar.
आपने अच्छी भावना रखी ये ही बहुत बड़ी बात है
चले आये मेरे ब्लॉग पर और मन हल्का करे .
aaj apke blog par aai kuch naya nahi tha. isliye fir se aapke vahi lekh padh liye. aap achha likhte hai. or sabse badi baat sach likhte hai. me bhi vahi likhti hun jo me aapne aasapas dekhati hun. likhte rhe.
or ha agar aap gaane sunana chahate hai to mere dusare blog http://thodasasukun.blogspot.com par ja kar sun sakte hai.