सरहद पे वो मौत से जूझता है,
उसकी मुहब्बत का दुप्पटा,
उसकी यादों के आंसू पोंछता है,
माँ की आँखों में बिछड़ने का
दर्द अब भी ताजा है.
टूटने को तैयार,
एक एक वादा है...
पिता रोज उसके गर्व में,
सीना ठोकता है...
सरहद पे वो मौत से जूझता है...
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
उसकी मुहब्बत का दुप्पटा,
उसकी यादों के आंसू पोंछता है,
माँ की आँखों में बिछड़ने का
दर्द अब भी ताजा है.
टूटने को तैयार,
एक एक वादा है...
पिता रोज उसके गर्व में,
सीना ठोकता है...
सरहद पे वो मौत से जूझता है...
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