पिछले हफ्ते मेरा बचपन का साथी, मेरा भाई मुझे छोड़ कर चला गया...१३-अक्टूबर को उसकी एक प्लेन (मिग-70) में आक्सीजन चार्ज करते समय ब्लास्ट हो जाने से मौत हो गयी...मेरा भाई अरुण, वो मुझसे केवल नो महीने बड़ा था. सारा बचपन और लड़कपन एक साथ मेरठ में गुजारा. कभी सोचा भी नहीं था की वो इस तरह मुझे छोड़ के चला जायेगा..हमेशा खुश रहता था, कभी उसे उदास नहीं देखा. हम दोनों पिछले आठ सालो से दूर हुए थे, लेकिन वो हमेशा मुझसे फोन पर बात करता रहता था... उसका आखिरी फोन मेरे जन्मदिन के दिन २ अक्टूबर को आया था... हमने खूब हंस-हंस कर बातें की.. जन्मदिन की शुभ कामनाएं देने के बाद बोला की कोई गर्लफ्रेंड बने की नहीं मैंने कहा नहीं तो बोला आस-पास कोई लड़की है तो उसी को पर्पोस कर दे. मैंने कहा पिटवाएगा क्या... और देर तक हँसता रहा. आखिरी शब्द उसने कहे थे की अपना ध्यान रखियो और मैंने भी उसे यही कहा था. उसकी बातों से जरा भी ऐसा नहीं लगा की वो कुछ दिनों में ही मुझे छोड़ जायेगा...वो तो नेवी में जाना ही नहीं चाहता था. ट्रेनिंग के समय ही उसने ख़त में लिखा था की यहाँ मेरा मन नहीं लगता बहुत मारते हैं साले! पर मैंने उसे कहा था की अभी सह ले बाद में आराम रहेगा... अब वो हमेशा के लिए आराम करने चला गया.पिछले कुछ दिनों से वो अपनी माँ से कहने लगा था की माँ में तो तिरंगे में आऊंगा... और तिरंगे में ही आया.ऐसा कभी सुना था, या फिल्मो में और सीरियलों में देखा था, लेकिन अपने पर ही गुजर गया...जिस वक्त में उसके ताबूत को एअरपोर्ट से लेकर मेरठ जा रहा था तो ऐसा लग रहा था की अभी उठ के बोलेगा की मुझे इस लकडी के बक्से में क्यों बंद किया है मेरा दम घुट रहा है...उसे दर्द बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं था...जरा सी ऊँगली कट जाने पर जोर से चीखता था...
कहीं भी जब इस तरह का माहौल होता है तो लोग एक-दुसरे को दिलासा देते हैं, लेकिन वहां ऐसा मंजर था की सभी लोग तड़प-तड़प कर रो रहे थे... कोई किसी को सँभालने लायक नहीं था...उसका शव मेरे पैरो में पढ़ा था उसके खूबसूरत चेहरे पर ब्लास्ट के छर्रों ने अपनी करनी लिख दी थी...गोवा से आया उसका एक दोस्त अलग फूट-फूट कर रो रहा था...ऐसा लग रहा था जैसे हाहाकार मचा है... अपनी ज़िन्दगी में कभी इस तरह का मातम नहीं देखा... दिल इतनी बुरी तरह तड़प रहा था की उसे शब्दों में नहीं बया कर सकता...अभी तक दिल मानने को तैयार नहीं है की वो चला गया है... उसकी शक्ल देखने के बाद भी ऐसा लग रहा था की ये कोई और है... और मेरा भाई अभी आयेगा और कहेगा की क्यों रो रहा है बे...वो रोजाना मिग-७० विमान को चेक करता था, की कोई खराबी तो नहीं है, चेक करने के बाद जब वो पेपर साइन कर देता था तब ही पायलट उसे उड़ने के लिए उसमे बैठ सकता था... साथ ही वो पाइलेट के लिए डेली आक्सीजन भी रिचार्ज करता था...१३ अक्टूबर की सुबह भी वो आक्सीजन रिचार्ज कर रहा था ना जाने कैसे क्य्लेंदर का गेज ब्लास्ट हो गया, क्योंकि यह कम बहुत नजदीक से और ध्यान से किया जाता है तो वो भी बहुत नजदीक था। ब्लास्ट से उसके चेहरे और सीने (दायें ओर) में एल्यूमिनियम के टुकड़े धंस गए जिससे एक नस जो हार्ट को जाती है बिलकुल कट गयी थी, और ब्लड रुक नहीं रहा था जिससे अस्पताल पहुँचते ही उसकी मौत हो गयी...ऐसा हमें बताया गया है....क्या करूँ कुछ समझ नहीं आ रहा है... दिल पर बिलकुल काबू नहीं है... दिल ये मानने को तैयार नहीं है की वो जा चूका है...अगर वो किसी लडाई में शहीद होता तो शायद मुझे भी ख़ुशी होती, लेकिन इतनी सस्ती मौत... इसे कैसे बर्दाश्त करुँ समझ नहीं आ रहा...ज़िन्दगी भर का दर्द देकर चला गया है इस दिल पे... मरते दम तक तड़पने के लिए छोड़ गया...
दिल तो चाहता है की आपसे उसकी सारी बातें बाँट लूं... पर...
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बहुत दर्दनाक हादसा हुआ है यह ...ईश्वर की मर्ज़ी ही कह सकते हैं इसको ..सुन कर बहुत अफ़सोस हुआ ..ईश्वर आपको व परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे
मीत जी
जब भी जीवन से कोई इतना प्यारा बिछुड़ता है , ऐसा ही लगता है,किन्तु जीवन तो चलता ही है। कवि हरिवंश राय जी ने कहा था-
जीवन में एक सितारा था,
माना वह बेहद प्यारा था।
वो टूट गया तो टूट गया, अम्बर के आनन को देखो
कितने उसके तारे टूटे, कितने उसके प्यारे रूठे।
पर देखो टूटे तारों पर, कब अम्बर शोर मचाता है ?
जो बीत गई वो बात गई........
bahut bahut takleef hui.kya kijiyega.apne bhar apno ko samhalen aur unke achchi yadon ko sahejkar rakhen.baki samay ki dawa jakhmo ko kuch had tak bhar hi degi.
koi yahan sada rahne kahan aaya hai.aaj unki baari thi kal hamari hogi
आपके दुःख का तो मै अंदाजा भी नहीं लगा सकती.......मेरी प्रार्थना है आपसे , हिम्मत बांधिए ,और परिवारजनों को भी संभालिये....
not bad.
ओह, काफी दुखदायी घटना, आपने सच्चे दिल से उन्हें याद किया है। देश के लिए मर मिटनेवाले उस जाबांज को मेरी श्रद्धाजंलि।
ऒह
बहुत बुरा हुआ
लेकिन कम्बख्त मौत बता कर नहीं आती
मुझे अपने दुख में शामिल समझें
आमीन
दुखद है........ईश्वर की इस अनहोनी पर सिर्फ़ बेबसी सी महसूस होती है....उनके परिवार को इस दुःख से लड़ने की शक्ति दे
बहुत दुख हुआ पढ़कर.....आपके दर्द को समझ सकती हूं ....भगवान की मर्जी को तो स्वीकार करना हमारी मजबूरी है.... पर वही आपको और आपके परिवार को दुख से लड़ने की शक्ति देगा।
बहुत ही दर्दनाक हादसा हुआ। सुनकर सदमा सा लगा। समय आपको और आपके परिवार को इस दुख से लड़ने की शक्ति दे। देश के सिपाही और हमारे भाई को मेरी तरफ से श्रद्धाजंलि।
main koi tippani nahi karna chahta ,bas muje aapne dukh me puri tarah se shamil samaje....
Arsh
मीत भाई भगवान भी पता नही कभी कभी केसे केसे खेल खेलत है, भाई मुझे बहुत दुख हुया, आप होसला रखॊ,अब हम सब तो सिर्फ़ अफ़सोस ही कर सकते है,भगवान तुम्हे ओर तुमहारे परिवार को यह बडा दुख सहने की शाक्त्ति दे, भाई यह दुख सच मै बहुत बडा है होस्सला रखना ओर पुरे परिवार को सम्भालना, भगवान उस जाने वाले की आत्मा को शान्ति दे.................
ओह!! बहुत दुखद...आप मेरी नित प्रार्थना में हैं.
इस बुरे समय में हमारी संवेदनाये आपके साथ हैं ,इश्वर आपको हिम्मत दे !
its really very very painful to know abt lost of your brothers life. I can feel the time you are facing with pain sorrow and grief as nothing can fulfil this loss in your life. I have no words to express my grief towards this loss. i am with your family in this bad phase and pray to god to give you and your family courage to bear it and peace to the soul of your brother.."
apno se bhichdne ka gam kya hota hai woh samj sakte hai.... woh bhi ek hasta khelta insaan achanak se iss duniyase chala jaye to apno pe kya gujarti hai uska ahesas hai hame... apaka ye post padh ke reply denewale aur jisne reply nahi diya woh sabhi aapko iss gam bhulne mai sahbaagi hai... khayal rakhe...aissi najuk paristithi mai insaan bokhala jata hai...isse humse badh kar aur kon jaanta hai...
मीत जी, मैं समझ सकती हूं इसतरह परिवार के बीच से किसी एक के अचानक चले जाने का दुख। खुद को संभालिए और परिवार को भी।
शायद इसे ही अनहोनी कहते हैं। हम तो सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि ईश्वर आपको और आपके परिवार इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
padh kar bohot dukh hua.mai samajh sakta hoon tum ko is waqt kaisa lag raha hoga dost.
may ur brother's soul rest in peace
aur zyada kuch nahi kahunga
TAKE CARE
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bahut hi dardnaak, kadwi sachai. dil bahut hi andar tak dukh raha hai. may god bless you with courage.
शुभम् करोति कल्याणं,
अरोग्यम धन: सम्पदा,
शत्रु बुद्धि विनाशाय,
दीपमज्योती नमोस्तुते!
ये लेख पढ़कर बहुत दुख हुआ। भगवान आपको और आपके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
बहुत दिनो बाद ब्लोग पर आई.सबसे पहले आपके ब्लोग को ही पढ़ना चाहा सो चली आई आपके ब्लॉग पर. सच में पढ़ा कर बहुत दुःख हुआ.जब अपना कोई खास हमसे हमेशा के लिए दूर चला जाए तो क्या होता है मैं समझ सकती हूँ.पर आप धेर्य से काम ले. आप अपने आपको और अपने परिवार को संभाले. ईश्वर की मर्जी के आगे हमारी नही चलती है.भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे.