तोड़ के सूरज का टुकड़ा, ओप में ले आऊं मैं! हो जलन हांथों में, तो क्या! कुछ अँधेरा कम तो हो. -मीत

मैं हूँ लड़की...






तुम में और मुझमें क्या है अलग?
क्या है अंतर?
क्यों मिलता है मुझी को गम
और तुमको जश्न?
मेरी ही आँखों में है प्यास
और तुम्हारी आँखें क्यों रहती हैं तृप्त?
हमारी तो जननी भी एक है...
फिर क्यों है? उसकी नज़रों में भी खोट?
क्या वो यह अंतर बताएगी?
नहीं! वो ना बता पायेगी...
यह अंतर तो किसी और ने बनाया है...
शायद उसकी भी जननी ने?
नहीं शायद उसकी भी जननी ने?
या फिर यह अंतर बरसों से चला आ रहा है?
तभी तो...
भरे दरबार में द्रोपदी निर्वस्त्र हुई,
सती भी कोई औरत ही हुई...
मीरा को ही पीना पड़ा ज़हर का प्याला,
और अग्निपरीक्षा भी सीता की हुई...
क्यों बलात्कार भी लड़की का ही होता है,
दहेज़ के लिए भी उसी को जलना होता है?
पैदा हो लड़का तो ढोल बजता है,
लड़की को गर्भ में भी मरना पड़ता है...
अब समझ में आया यह अंतर...
क्यों माँ देखती है मुझे तिरस्कार से,
और तुम्हें प्यार से...
क्योंकि तुम हो लड़के और मैं हूँ लड़की
केवल लड़की...



कल रात दिल्ली में एक और लड़की को जिन्दा जला दिया गया.... मुझे समझ नहीं आता की आखिर ऐसा होता क्यों है, कैसे एक पति अपनी अर्धांगिनी को, वो स्त्री जो उसके परिवार से जुडी है, उसके बच्चों से जुडी है उसे इस तरह मौत के घाट उतर देता है.... और उसका परिवार भी उसका साथ देता है...और कोई भी कुछ नहीं कर पता....ऐसा ही दीपिका के साथ हुआ... जिसने मरने से पहले पुलिस को कई फोन किये, लेकिन क्या हुआ कुछ नहीं... आखिर तो वो भी जल गयी..
क्यों...?
क्योंकि वो भी एक लड़की थी...
जलने वाली उस दीपिका के नाम पर आप सबसे एक कविता बाटना चाहता हूँ....
मीत ...





© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!

मुलाकात...

तुम तो कहतीं थी,
मेरे द्वार खुले हैं हरपल
तुम्हारे लिए!
पर वहाँ एक ताला था।
मैं सीढियों पर बैठा,
करता रहा तुम्हारा इंतज़ार
१ घंटा दो घंटे विवश!!
आखिर मैंने खिड़की से झाँका...
सुखा गुलाब का फूल,
एक किताब और
मोर पंख....
फिर हवा का एक तेज़ झोंखा आया
और....
कुछ पन्ने फड़फड़ाये...
एक पन्ना उड़ चला,
कुछ पुराना सा,
परिचित सा, पीला-पीला सा पन्ना....
मैंने सिर्फ अपना नाम पढा,
मुस्कुराया...
ताले पर नज़र डाली...
...और गुनगुनाता हुआ...
चल पड़ा...!!!
तुमसे मिला अच्छा लगा...
एक मुलाकात और जुड़ गयी...
यादों की...


© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
Related Posts with Thumbnails